आज नर्मदा और पत्रकारिता दोनों को बचाने की जरूरत है!

आज नर्मदा और पत्रकारिता दोनों को बचाने की जरूरत है!
NITIN DUBEY ✍️ 
यह एक अद्भुत संयोग है कि आज हमें दो चीजों को बचाने की आवश्यकता है, एक मध्य प्रदेश की जीवनदायिनी मां नर्मदा और दूसरा हमारे लोकतंत्र का जीवन यानी मीडिया यानी पत्रकारिता। मैं पैदा हुआ तो मुझे नर्मदा की गोद मिली, मैं बड़ा हुआ तो मुझे पत्रकारिता की गोद मिली। इसलिए पत्रकारिता और नर्मदा दोनों मेरी मां तुल्य हैं। मेरे जन्म से लेकर आज तक मैंने नर्मदा की इतनी दुर्दशा कभी नहीं देखी। ठीक इसी तरह मेरे पत्रकारिता के 25 साल के कैरियर में मैंने पत्रकारिता को कभी इतना झुका हुआ, इतना कमजोर, इतना टूटा हुआ, और वर्गो में विभाजित नहीं देखा। मुझे लगता है कि मध्य प्रदेश में दोनों के साथ अन्याय हो रहा है। एक तरफ अपराधी और गलत तरीके से पैसा कमाने वाले नर्मदा के सीने को छलनी कर रहे हैं और रोज हजारों डंपर रेत नर्मदा के तटों से निकाली जा रही है। इस अवैध उत्खनन के चलते नर्मदा के घाटों पर मिट्टी आ गई है। 
यह नर्मदा के अस्तित्व पर बड़ा संकट है।ठीक उसी तरह मध्यप्रदेश की पत्रकारिता का भी अवैध उत्खनन हो रहा है। अपराधी नेता और अपराधी अफसर पत्रकारिता का दोहन कर रहे हैं। पत्रकारिता के घाटों से भी रेत गायब हो चुकी है। अब पत्रकारिता के घाट मिट्टी के दलदल में तब्दील हो चुके हैं, यही कारण है कि मैं अब मध्य प्रदेश में पत्रकारिता और मां नर्मदा को बचाने के लिए एक बड़ा जन आंदोलन खड़ा करने वाला हूं। आंदोलन की शुरुआत भोपाल से ही की जाएगी, जिसमें मां नर्मदा और पत्रकारिता दोनों को बचाने के लिए मैं लगातार आंदोलन करता रहूंगा।आप सभी से गुजारिश है कि इस संवेदनशील मुद्दे पर मेरा साथ दें। मेरी आवाज को एक गति दें। 
मैं बहुत जल्दी यह पूरा प्रोग्राम तैयार करने वाला हूं।आपकी राय की आवश्यकता है, बहुत बड़े समर्थन की आवश्यकता है।


Popular posts
कान्हावाड़ी में बनेगी अनूठी नक्षत्र वाटिका, पूर्वजों की याद में लगायेंगे पौधे* *सांसद डीडी उइके एवं सामाजिक कार्यकर्ता मोहन नागर ने कान्हावाड़ी पहुँचकर किया स्थल निरीक्षण
Image
मध्यप्रदेश के मेघनगर (झाबुआ) में मिट्टी से प्रेशर कुकर बन रहे है
Image
अगर आप दुख पर ध्यान देंगे तो हमेशा दुखी रहेंगे और सुख पर ध्यान देंगे तो हमेशा सुखी रहेंगे
Image
एक ऐसी महान सख्सियत की जयंती हैं जिन्हें हम शिक्षा के अग्रदूत नाम से जानते हैं ।वो न केवल शिक्षा शास्त्री, महान समाज सुधारक, स्त्री शिक्षा के प्रणेता होने के साथ साथ एक मानवतावादी बहुजन विचारक थे। - भगवान जावरे
Image
रायसेन में डॉ राधाकृष्णन हायर सेकंडरी स्कूल के पास मछली और चिकन के दुकान से होती है गंदगी नगर पालिका प्रशासन को सूचना देने के बाद भी नहीं हुई कोई कार्यवाही