आजीविका मिशन में हो रहा लाखों का गबन, राज्य कार्यालय के अधिकारीयों की मिलीभगत की आशंका

आजीविका मिशन में हो रहा लाखों का गबन, राज्य कार्यालय के अधिकारीयों की मिलीभगत की आशंका
अलीराजपुर- बेतुल- पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अन्तर्गत संचालित म0प्र0डे0राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला कार्यालय में पदस्थ जिला वित्त प्रबन्धक द्वारा मनमाने तरीके से बिना अपने वरिष्ठ अधिकारी की अनुमोदन के लाखों रुपये का भुगतान नियमों को ताक में रखकर किया जा रहा है । मामला समूह के गणवेश संबंधी स्तावेज प्रिन्ट करवाने से जुडा है जिसमें मात्र दस हजार के काम के बदले में करीब दस लाख का भुगतान संबंधित नयन उदय फर्म को कर दिया गया । जिसमें गौर करने वाली बात है कि इस हेतु तत्कालीन जिला परियांजना प्रबन्धक से न तो अनुमति ली गई ना ही जिला पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी के संज्ञान में मामला लाया गया । जबकि प्र्रिकया अनुसार उक्त कार्य हेतु टेण्डर बुलवाऐ जाना थे ।  मामले की शिकायत जब राज्य कार्यालय भोपाल पहुंची तो वहीं सें  राज्य समन्वयकों की गठित समिति जिसमें अमिनेश मिश्रा एवं अन्य अधिकारीयों ने संबंधित फर्म एवं अन्य दस्तावेजों कां खंगाला एवं मामले को सही पाया जिससे जिला वित्त प्रबन्धक के वित्तीय अधिकार समाप्त कर दिऐ गये थे । परन्तु थोडे ही समय में  जिला वित्त प्रबन्धक ने मोटी रकम चुकाकर पुःन अपने वित्तीय अधिकार प्राप्त कर लिऐ । साथ ही मामला यहां तक नहीं थमा इन्होनें अपने साथ कुछ विकासखण्ड प्रबन्धकों को भी सरकारी राशि के गबन का हिस्सेदार बनाकर माह अप्रेल 2018 में प्रधानमंत्री के मएडला जिले के कार्यक्रम में जब प्रिन्टींग प्रेस की फर्म को ही कार्यक्रम हेतु महिलाओं को लाने ले जाने के दौरान लंच की करीब ढाईे लाख रुपये एवं संबंधित विकासखण्ड प्रबन्धक को चाय-नाश्ता एवं भोजन के नाम पर करीब तीन लाख रुपये  अग्रिम जारी कर उसका कागज पर ही समायोजन करवा दिया गया ।  जबकि वाहन प्रभारीयों कोसमूह की महिलाओं एवं किसानों हेतु लाखों रुपये के लंच पैकेट एवं रास्ते के खर्च हेतु अग्रिम राशि जारी की गई थी । इस तरह एक ही पार्टी को सभी प्रकार के कामों का भुगतान उक्त फ्लेक्स प्रिन्ट करने वाली फर्म उक्त कामों को करती ही नहीं है । उसको किया गया खाने के बिल का भुगतान संस्था पुरी तरह फर्जी एवं कुटरचित है ।  एवं प्रकिया का पालन नहीं करना स्वतः गबन को सिध्द करता है ।  
जिला वित्त प्रबन्धक पूर्व में आजीविका परियोजना में अलिराजपुर जिले के अलिराजपुर संकुल में विकासखण्ड लेखापाल के पद पर पदस्थ थे जहां पर उन्होंने ग्राम पंचायत के खाते से साढे छः लाख रुपये पंजाब नेशनल बैक अलिराजपुर में अपने निजी खाते में अन्तरित कर लिऐ थे । जिसकी जांच के परिणाम भी आज तक षंका के घेरे में है ि कवह राशि वापस ग्राम पंचायत के खाते में जमा करवाई गई की नहीं । जिला वित्त प्रबन्धक अब सरे आम मुख्यकार्यपालन अधिकारी एनआरएलएम भोपाल को खरीदकर पुःन प्रभार लेने की डीग हांकते फिरते है और कहते रहते है कि कौन मेरा क्या बिगाड लेगा, भेपाल तक मेरी पहुंच है। इसलिऐ जरुरी है कि जिले में जिन विकासखण्डों में प्रशिक्षण एवं प्रशासनीक व्यय के नाम पर सर्वाधिक भुगतान हुआ है उनकी बारीकी से पुनः जाचं की जाऐ ताकि गरीबों के नाम पर हो रहे सरकारी राशि का दुरुपयोग न हो एवं ऐसे लेखा प्र्रिकया से जुडे हर जिलास्तर के कर्मवचारी के विरुध्द जांच कर उनके विरुध्द पुलिस कार्यवाही करवाना चाहिऐ ताकि वे दुसरों के लिऐ सबक बने ।


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