रीवा। ऐसे प्रवासी व्यक्ति जो अपने गृह राज्य या गृह नगर के लिए रास्तों से निकलकर जिले की सीमा में प्रवेश करते हैं तो उन्हें समुचित स्क्रीनिंग के बाद नजदीक के आश्रय स्थल में कम से कम आगामी 14 दिनों तक चिकित्सकीय प्रोटोकाल के तहत क्वारेंटाइन में रखा जायेगा। कलेक्टर बसंत कुर्रे ने कोरोना वायरस के संक्रमण की परिस्थिति में भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा दिये गये निर्देश के परिपालन में सभी अनुविभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि लॉकडाउन के कारण फंसे हुए गरीब और जरूरतमंद व्यक्ति जिनमें प्रवासी मजदूर भी शामिल हैं उनके लिए अस्थाई आश्रय स्थल बनाकर भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित करायें ताकि कोई भी प्रवासी व्यक्ति शहर की सीमा में यहां-वहां जाता हुआ न दिखे। उन्होंने उद्योगपतियों, दुकानदारों व व्यावसायिक संस्थानों के प्रबंधकों से कहा है कि लॉकडाउन के दौरान संस्थानों के बंद रहने की अवधि में अपने कर्मचारियों को वेतन या मजदूरी का भुगतान बिना किसी कटौती के नियत समय पर करें। जहां कहीं भी कर्मचारी या श्रमिक अथवा प्रवासी व्यक्ति किराये के मकानों में रह रहे हैं वहां के मकान मालिक एक माह तक किराये के भुगतान की मांग नहीं करेंगे। यदि कोई मकान मालिक श्रमिकों या छात्रों को मकान या कमरा खाली करने के लिए दबाव बनाता हआ पाया जायेगा तो उसके विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कठोर कार्यवाही की जायेगी।
जिले की सीमा में आने वाले सभी प्रवासी व्यक्ति कम से कम आगामी 14 दिन तक आश्रय स्थल में रखे जायेंगे - कलेक्टर