हमें गर्व है फोटोग्राफर होने पर कैमरे खरीदते हैं तो 18 %पर्सेंट जीएसटी देते हैं कैमरे ही नहीं फोटोग्राफी से संबंधित कोई भी सामान खरीदते हैं तो 18 %पर्सेंट जीएसटी देना ही पड़ता है फिर 4/6 महीने काम करते हैं सीजन ना होने पर खाली घर पर रहते हैं विवाह शादी में भूखे प्यासे रहकर लोगों का काम करते हैं अपने बीवी बच्चों और परिवार की चिंता ना करते हुए पार्टी की ज्यादा चिंता करते हैं एल्बम और वीडियो के रेट फिक्स हो जाने के बाद भी कोई पूरा पेमेंट नहीं देता पूरा तो छोड़ो शादी पार्टी खत्म हो जाने के बाद होटल वेटर हलवाई बाजार घोड़ा बग्गी आतिशबाजी सब का पेमेंट हो जाता है फोटोग्राफर दुल्हन को घर तक उतारने जाता है जब पेमेंट का नंबर आता है तो बोलते हैं यार खत्म हो गया है तुम कल आकर ले जाना फिर भी कोशिश यही करते हैं कि पार्टी खुश हो जाए हो सकता है अगले प्रोग्राम में हमें ही याद किया जाए लेकिन ऐसा नहीं होता है बहुत बड़े दिल वाले होते हैं हमारे फोटोग्राफर भले ही कितनी परेशानी उठाना पड़ जाएं घर में राशन पानी ना हो बच्चों की स्कूल की ट्यूशन की फीस भी जमा ना हुई हो फिर भी किसी के सामने नहीं गिड़ाआते हैं पैसे के लिए हजार ₹2000 की तो कोई वैल्यू ही नहीं समझी जाती इधर या उधर खैर कोई बात नहीं सारी बातें ठीक है क्योंकि दुनिया में सबसे अमीर फोटोग्राफर ही तो होते हैं और कर लो इस दुनिया की चापलूसी एक दूसरे की कटिंग फ्री में बना हुआ एल्बम और फोटो लानत है ऐसे लोगों पर जाकर जो घर-घर भीख मांगते हैं काम के रूप में है आज अगर तुम लोगों के अंदर एकता होती तो कहीं ना कहीं तुम्हारा नाम भी अखबार में छपा होता क्या फोटोग्राफर इस समाज का हिस्सा नहीं होते अरे तुम सब से तो अच्छे नई मोची दरजी लोहार बढ़ई है कम से कम उनका समाज में कुछ नाम तो है मोदी जी भी नहीं जानते योगी जी भी नहीं जानते के फोटोग्राफर की भी कोई जात होती है समाज में कोई गिनती नहीं है इस समाज में सिर्फ नई मोची दर्जी लोहार बढ़ई इत्यादि रहते हैं फोटोग्राफर कुछ नहीं होता फिर भी हमें गर्व होना चाहिए फोटोग्राफर होने पर भूखे रह लेंगे लेकिन किसी के आगे हाथ नहीं किसी से भीख नहीं मांगेंगे यदि कोई गलती हो गई हो तो मुझे क्षमा करें अच्छा लगे तो आगे शेयर करें
हमें गर्व है फोटोग्राफर होने पर - जगदीश राठौर