जिला जनसपंर्क कार्यालय उमरिया
समाचार
सोसल डिसटेसिंग का हर हाल में पालन करने की जिला प्रशासन ने जिला वासियो से की अपील
उमरिया 4 अप्रैल- अनुविभागीय अधिकारी बांधवगढ अनुराग ंिसह ने बताया कि विगत दिवसों में यह से संज्ञान में आया है कि बड़ी संख्या में सामाजिक संगठन,कार्यकर्ता और एन जी ओ गरीबों और बेसहारा की मदद के लिए आगे दल आए हैं जिला प्रशासन ऐसे सभी लोगो का धन्यवाद ज्ञापित करता है परंतु यह भी संज्ञान में आया है कि मदद किये जाने के दौरान सोशल डिसटेसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है और लोग जिले में लागू धारा 144 के निर्देशों के विपरीत अधिक संख्या में एक स्थान पर एकत्रित हो जाते हैं जिससे कोरोना के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है । सामाजिक संगठनों, कार्यकर्ताओं, एन जी ओ से यह प्रशासन अपील करता है कि सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बगैर किसी भी प्रकार गतिविधियां संचालित न करें साथ ही जिन्हें भी अनुमति दी गई है वे भी सोशल डिस्टेनसिंग एवं अन्य निर्देशों का पालन सुनिश्चित करें ।भविष्य में निर्देशों के उल्लंघन में धारा 188 के तहत कार्यवाही की जाएगी।
क्र044
निषेधाज्ञा का उलंघन करने पर जिले में धारा 188 के तहत एस डीएम बांधवगढ ने जारी किया पहला नोटिस
ईरास खान अर्श सेवा संस्थान उमरिया व्दारा कन्या भोज के दौरान सोसल डिस्टेसिंग का पालन नहीं करने पर जारी हुआ नोटिस
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उमरिया 4 अप्रैल- कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव हेतु जिले में लाक डाउन तथा निषेधाज्ञा प्रभाव शील है, जिसका पालन नहीं करने पर एस डीएम बांधवगढ अनुराग सिंह व्दारा भारतीय दण्ड संहिता 188 के तहत पहला नोटिस एराज खान अर्श सेवा संस्थान उमरिया को जारी किया है। जारी नोटिस में कहा गया है कि जिले में प्रतिबंधात्मक आदेश प्रभाव शील है जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने तथा एक स्थान पर 5 से अधिक व्यक्ति उपस्थित नहीं रहने के निर्देश हैं।समाचार पत्रों के माध्यम से यह तथ्य संज्ञान में आया है कि राम नवमी के अवसर पर आपकी संस्था द्वारा बिना किसी सक्षम अधिकारी के अनुमति के भरौ ला स्थित लोहरी समाज की कन्याओं को एक पंक्ति में अत्यंत समीप बैठा कर भोज कराया गया आपका यह कृत्य निषेधाज्ञा की उल्लंघन की श्रेणी में आता है। नोटिस प्राप्ति के सात दिवस के भीतर आप अपना जवाब प्रस्तुत करें अन्यथा यह माना जाएगा कि आपको इस विषय में कुछ नहीं कहना है तथा एकपक्षीय निर्णय लिया जा सकेगा।
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उत्कृष्ट छात्रावास में रूके मजदूरों की गई जांच
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उमरिया 4 अप्रैल - मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा राजेष श्रीवास्तव ने बताया कि कोविड 19 कोरोना वायरस को दृष्टिगत रखते हुए उत्कृष्ट बालक छा़त्रावास मे रूके मजदूरों की जांच की गई।
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लाक डाउन के दौरान जिले में ग्राम पंचायत सचिवों व्दारा बेसहारा एवं बेघर परिवारों को घर घर वितरित की जा रही है राशन सामग्री
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उमरिया 4 अप्रैल- शासन के निर्देश के पालन में लाक डाउन के दौरान बेघर और बेसहारा परिवारों को राशन सामग्री वितरित करने का कार्य किया जा रहा है। कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी ने जिले के समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायतों को निर्देशित किया है कि वह ग्राम पंचायत सचिवों के माध्यम से बेसहारा एवं बेघर परिवारों का चिन्हांअंकन कर राशन सामग्री अनिवार्य रूप से पहुंचाना सुनिश्चित कराएं ।
क्र047
बिजली विभाग के अधिकारी कर्मचारी ग्रिड संचालन मंें करेगे मदद
उमरिया 4 अप्रैल- कार्यपालन यंत्री वि.मं. एल के नामदेव ने बताया कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समस्त देषवासियो से आज 5 अप्रैल को 9 बजे नौ मिनट के लिए घर की सभी लाईटे बंद करके, दरवाजे या बालकनी मे मोमबत्ती, दीया, टार्च, या मोबाइल फ्लैष लाईट आव्हान किया है ।
उन्होने जिले के बिजली उपभोक्ताओ से कहा है कि 5 अप्रैल रात्रि 9 बजे फ्रिज, कूलर, पंखे आदि बंद ना करें, सिर्फ लाइट्स ही बंद रखें। एकाएक सारे उपकरण बंद कर देने से राष्ट्रीय ग्रिड में असंतुलन आने का खतरा रहेगा। बिजली उपभोक्ताओ के सहयोग विद्युत अभियंता ,कर्मचारीं ग्रिड संचालन में मदद करेगा।
क्र048
राज्यपाल ने महिला चिकित्सकों को श्बेटीश् संबोधन से दी बधाई
उमरिया 4 अप्रैल- राज्यपाल श्री लालजी टंडन ने इंदौर जिले की आयुष चिकित्सक डॉ. जाकिया और डॉ. तृप्ति से दूरभाष पर चर्चा कर उनका मनोबल बढ़ाया। उन्होंने चिकित्सकों को बेटी कहकर संबोधित करते हुए आर्शीवाद और बधाई दी। श्री टंडन में कहा कि सारा देश आपके साथ है। प्रधानमंत्री से लेकर हर स्तर पर आपकी सराहना हो रही है। श्री टंडन ने कहा कि कभी भी, किसी भी प्रकार की आवश्यकता हो, तो राजभवन से सम्पर्क कर सकती हैं।
चिकित्सक डॉ. जाकि़या और डॉ. तृप्ति ने कहा कि राज्यपाल द्वारा बेटी संबोधित करने से उनका मनोबल कई गुना बढ़ गया है। वे और अधिक शक्ति और सार्मथ्य के साथ कार्य के लिए संकल्पित हुई हैं।
राज्यपाल को दोनों महिला चिकित्सकों ने बताया कि आज पुनरू उसी बस्ती में गईं और स्वास्थ्य परीक्षण का कार्य किया, जहाँ पर उनके साथ पथराव की घटना हुई थी। आज उन्हें किसी प्रकार की समस्या नहीं हुई।
डॉ. जाकिया प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कम्पेल विकासखंड हातोद और डॉ. तृप्ति प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र शिप्रा सांवेर में पदस्थ हैं।
क्रमांक 49
कोरोना संकट में जन-अभियान परिषद, एन.सी.सी. और एन.एस.एस. का सहयोग लें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वी.सी. को माध्यम से दिए निर्देश
उमरिया 4 अप्रैल- मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जन-अभियान परिषद, एनसीसी तथा एनएसएस का समाज सेवा में बहुमूल्य योगदान रहा है। मौजूदा कोरोना संकट में जनता को सहायता पहुँचाने के कार्य में इनका सहयोग लिया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से जन-अभियान परिषद, एन.सी.सी. एवं एन.एस.एस के अधिकारियों से चर्चा कर रहे थे।
प्रदेश में जन-अभियान परिषद के 416 व्यक्ति जिला एवं ब्लॉक स्तर पर कार्य कर रहे हैं, जिनका लगभग 27 हजार संस्थाओं से ग्रामीण स्तर तक सम्पर्क है। गत डेढ़ वर्षों में गतिविधियाँ नहीं हुई हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि परिषद सक्रिय रूप से कोरोना संकट में लोगों को मदद पहुँचाने का कार्य करे। परिषद का अमला अपने क्षेत्रों में कार्य कर रहे गैर-सामाजिक संगठनों की सूची बनाए तथा उनका भी मौजूदा कोरोना संकट में सहयोग लिया जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जन-अभियान परिषद के कार्यकर्ता स्थानीय प्रशासन की मदद से जरूरतमंदों को भोजन एवं खाद्यान्न पहुंचाने का कार्य करें। इसी के साथ, ग्रामीण क्षेत्रों में आयुर्वेद, होम्योपैथी एवं यूनानी दवाओं के वितरण कार्य में भी सहयोग करें। ये दवाएं रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर होती हैं। वे कोरोना वायरस के संबंध में ग्रामीणजनों को तथ्यात्मक जानकारी भी दें।
प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्री नीरज मंडलोई ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रदेश में एन.एस.एस. की 735 इकाईयां कार्य कर रही हैं, जिनमें कुल डेढ़ लाख विद्यार्थी हैं। इनमें से एक लाख विद्यार्थी कॉलेज के हैं, जिनका सहयोग कोरोना संकट के दौरान लिया जा सकता है। कोरोना संकट के दौरान कार्य करने के लिए 10 हजार विद्यार्थियों ने अपनी सहमति दी है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि इन संस्थाओं का सहयोग सोशल मीडिया के माध्यम से उपयोगी संदेशों के प्रसारण, सूचना केन्द्र, कॉल सेंटर, खाद्य एवं अन्य सामग्री वितरण आदि के लिए किया जा सकता है। विद्यार्थियों को ऐसा काम दिया जाना चाहिए, जिसमें उन्हें कोई खतरा नहीं हो।
एन.सी.सी. के ए.डी.जी. मेजर जनरल श्री संजय शर्मा ने मुख्यमंत्री को बताया कि कोरोना संकट में एन.सी.सी सीनियर डिवीजन के ऐसे विद्यार्थियों की सेवाएं ली जा सकती हैं, जो 18 वर्ष से अधिक आयु के हैं। ऐसे 700 बच्चों को चिन्हित किया गया है, जिनके परिवारों ने सहमति दी है। इनका उपयोग हैल्पलाईन, कॉल सेंटर, सामग्री आपूर्ति प्रबंधन तथा राहत सामग्री वितरण आदि में लिया जा सकता है। इन्हें आवश्यक प्रशिक्षण देकर कार्य में लगाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इन्हें समुचित प्रशिक्षण दिलवाए जाकर इनकी सेवाएं कोरोना संकट के दौरान नियमानुसार ली जाएं। इन्हें पूरी सुरक्षा और सावधानी के साथ कार्य पर लगाया जाए, जो बच्चे जिस शहरध्गाँव के हों, वहीं उनकी सेवाएं ली जाएं।
क्रमांक 50
चिकित्सकों की ड्यूटी ऐसे लगाएं कि उन्हें आराम का भी वक्त मिले
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंस से की कोरोना व्यवस्थाओं की समीक्षा
उमरिया 4 अप्रैल- मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना संकट में कार्य कर रहे डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टॉफ तथा अन्य अमले की इस प्रकार ड्यूटी लगाई जाए कि उन्हें आराम करने का भी वक्त मिले। कार्य में लगे सभी अधिकारी-कर्मचारी कर्तव्य पालन के साथ-साथ स्वयं एवं अपने परिवार के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें। सभी के सहयोग से हम कोरोना पर बहुत जल्दी विजय प्राप्त करेंगे। श्री चौहान आज वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से उच्च अधिकारियों के साथ कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि सभी जिलों को आवश्यक चिकित्सा सामग्री पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई जाए। मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस ने बताया कि हमारी कोरोना टेस्टिंग क्षमता 480 से बढ़कर 500 टेस्ट प्रतिदिन हो गई है। टेस्ट के लिए लैब की संख्या भी बढ़कर 6 हो गई है। हमारे पास पर्याप्त मात्रा में पीपीई किट्स उपलब्ध हैं। एन-95 मास्क 90 हजार से ऊपर हैं तथा ट्रिपल लेयर मास्क 20 लाख हैं।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कॉल सेंटर तथा सोशल मीडिया पर प्राप्त शिकायतों का त्वरित निराकरण हो। सचिव जनसम्पर्क श्री पी. नरहरि ने बताया कि विभिन्न सरकारी ट्विटर हैण्डल पर कुल 01 लाख 76 हजार कमेंट्स आए हैं, जिनमें कुछ शिकायतें भी हैं। इन शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जरूरतमंद व्यक्तियों को खाद्यान्न एवं राशन सामग्री की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति श्री शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि कम्युनिटी किचन के माध्यम से 3 लाख 20 हजार व्यक्तियों को भोजन कराया जा रहा है। इसके अलावा कलेक्टर एवं अन्य सामाजिक संगठनों के माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों को भोजन कराया जा रहा है। कॉल सेंटर के माध्यम से कुल 4 हजार 800 शिकायतों प्राप्त हुई हैं। सभी का त्वरित निराकरण किया गया है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, पंचायत सचिवों आदि के माध्यम से आयुर्वेद, होम्योपैथी एवं यूनानी दवाओं का वितरण कराया जाए। सचिव आयुष श्री एम.के. अग्रवाल ने बताया कि पर्याप्त संख्या में इन तीनों चिकित्सा पद्धतियों की दवाएं ग्राम स्तर तक पहुँचा दी गई हैं तथा उनके वितरण की कार्रवाई निरंतर जारी है।
मुख्यमंत्री ने किसानों की सहूलियत के लिए मोबाईल एप तैयार किए जाने तथा प्रत्येक जिले में एकीकृत जिला निगरानी अधिकारी नियुक्त किए जाने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि वृद्धाश्रमों एवं दिव्यांग आश्रमों का सैनेटाईजेशन किया जाए तथा वहाँ कोरोना प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए। सभी कलेक्टर्स को निर्देशित किया जाए कि वे जिला स्तर एवं थाना स्तर पर स्थानीय धर्मगुरूओं की बैठक आयोजित कर उनका पूरा सहयोग लें। राशन वितरण के कार्य पर भी कड़ी नजर रखी जाए।
चार अप्रैल को मुख्यमंत्री करेंगें जनता को संबोधित
वी.सी. में बताया गया कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान 04 अप्रैल को रात्रि 8 बजे कोरोना के संबंध में प्रदेश की जनता को संबोधित करेंगे।
क्रमांक 51
कोरोना संकट से निपटने सम्पूर्ण समाज को सहयोग का संदेश दें धर्मगुरू
मुख्यमंत्री श्री चौहान का वीडियो कान्फ्रेसिंग से सभी धर्मगुरुओं से आग्रह
धर्मगुरुओं ने मुख्यमंत्री और सरकार के प्रयासों को सराहा
उमरिया 4 अप्रैल- मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी धर्म गुरुओं से आग्रह किया है कि वे अपना संदेश न केवल अपने अनुयायियों को बल्कि पूरे समाज को दें, जिससे हम जल्दी से जल्दी कोरोना जैसे वैश्विक संकट से बाहर निकल सकें। वे उनसे प्रशासन को पूरा सहयोग करने को भी कहें। उनका संदेश सबके लिए बहुमूल्य एवं प्रेरणादायी होगा। सर्वसमाज मिलकर कोरोना संकट को समाप्त कर देंगे।
मुख्यमंत्री ने आज प्रदेश के सभी संभागीय मुख्यालयों में उपस्थित सभी समाजों के धर्मगुरुओं से कोरोना संकट से प्रभावी ढंग से निपटने के लिये वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि धर्मगुरूओं का समाज पर पर्याप्त प्रभाव होता है। उनकी बात लोग मानते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट की इस घड़ी में धर्मगुरू जनता को प्रेरित करें तथा उनका मनोबल बढ़ाएं। स्वास्थ्य आदि विभागों के जो लोग जनता को बचाने का कार्य कर रहे हैं, वे भगवान जैसे हैं, उनका पूरा सम्मान होना चाहिए। धर्मगुरूओं ने कोरोना संकट से प्रभावी रूप से निपटने के लिए मुख्यमंत्री और सरकार के प्रयासों की सराहना की।
प्रधानमंत्री के आह्वान को बनाएं सफल
मुख्यमंत्री ने धर्मगुरूओं से आग्रह किया कि वे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 5 अप्रैल को रात 9 बजे 9 मिनिट तक अपने घरों के दरवाजों, बालकनी में दीपक, मोमबत्ती, मोबाईल फ्लैश लाईट जलाने के आह्वान को सफल बनाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी कोरोना संकट से निपटने के लिए जी-जान से प्रयास कर रहे हैं। कोरोना से लड़ने के प्रमुख दो हथियार लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन प्रधानमंत्री के आव्हान पर पूरा देश कर रहा है। मध्यप्रदेश में भी इनका कड़ाई से पालन हो रहा है।
जनता को नहीं होने देंगे कोई तकलीफ
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना संकट में प्रदेशवासियों को कोई तकलीफ नहीं होने देंगे। प्रदेश में तीन माह का उचित मूल्य राशन (गेहूँ) 97.5 लाख लोगों को दिलवाया गया है। शीघ्र ही दो महीने का चावल भी दिलवाया जाएगा। प्रदेश के 52 लाख विद्यार्थियों को 430 करोड़ रूपये की छात्रवृत्ति दी गई है। बच्चों को मध्यान्ह भोजन के लिए तथा अन्य सहूलियत के रूप में हितग्राहियों को 589 करोड़ रूपए ऑनलाईन ट्रांसफर किए गए हैं। निर्माण श्रमिकों को एक-एक हजार रूपए उनके खातों में भिजवाए गए हैं। मकान मालिकों से कहा गया है कि वे किराएदारों से कोरोना संकट के दौरान मकान खाली न कराएं। फैक्ट्री मालिकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने श्रमिकों को वेतन दिए जाने के साथ ही उनके भोजन आदि की व्यवस्था भी करें। किसान क्रेडिट कार्ड, सम्पत्ति कर तथा वृत्ति कर के भुगतान की तिथि को भी 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है।
स्वास्थ्यकर्मी भगवान जैसे
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य विभागीय अमला अपनी जान पर खेलकर लोगों को कोरोना संकट में सहायता कर रहा है। हर समुदाय के लोगों द्वारा उनका स्वागत एवं सम्मान होना चाहिए। उनसे दुर्व्यवहार किसी भी हालात में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उनका अभिनंदन करें, उत्साह बढ़ाएं। वे योद्धा हैं, जो हमारे लिए लड़ रहे हैं। वे ईश्वरतुल्य हैं। इंदौर की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। संबंधितों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की गई है।
आगामी त्योहार घर पर रहकर ही मनाएं
मुख्यमंत्री ने धर्मगुरूओं से आग्रह किया कि वे सोशल मीडिया के माध्यम से पूरे समाज को संदेश दें। इससे समाज को ताकत मिलेगी तथा मनोबल बढ़ेगा। जिस प्रकार जनता द्वारा रामनवमी, नवरात्रि का पर्व घर पर रहकर ही मनाया, उसी प्रकार आगामी त्योहार महावीर जयंती, गुड फ्राईडे, शब्बे बारात आदि पर लोग घर पर रहकर ही पूजा एवं इबादत करें। जब तक कोरोना संकट हैं, घर को ही पूजाघर तथा इबादतगाह बना लें। योग, व्यायाम, पूजा तथा इबादत के माध्यम से आंतरिक शक्ति बढ़ाएं। इसके लिए समय बहुत कम मिलता है।
इंसानियत जीतेगी, कोरोना हारेगा
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में कोरोना से बचाव एवं उपचार की अच्छी व्यवस्था है। हम शीघ्र ही कोरोना टेस्ट क्षमता एक हजार प्रतिदिन तक ले जाएंगे। इसके अलावा मास्क, पीपीई किट्स आदि भी पर्याप्त मात्रा में है। हमारी पीपीई किट की गुणवत्ता को डी.आर.डी.ओ. द्वारा मान्यता प्रदान की गई हैं। हम प्रतिदिन चार हजार पीपीई किट बना रहे हैं तथा शीघ्र ही अन्य प्रदेशों को देने की स्थिति में आ जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी के प्रयासों से इंसानियत जीतेगी, कोरोना हारेगा।
सभी संभागों से धर्मगुरूओं ने दिए सुझाव
वीडियो कॉन्फ्रेंस में सभी संभागों से धर्मगुरूओं द्वारा कोरोना संकट से निपटने के लिए बहुत से सुझाव दिए गए। भोपाल संभाग से गायत्री परिवार के धर्मगुरू ने ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना टैस्ट बढ़ाए जाने का सुझाव दिया। आर्चबिशप ने प्रदेश में आए गरीब एवं प्रवासी मजदूरों की मदद करने की बात कही। काजी मुश्ताक अली ने शासन के कार्य की सराहना करते हुए कहा कि आने वाले शबे बारात आदि त्योहारों में कोई घर से बाहर नहीं निकलेगा। वे घर पर रहकर ही त्योहार मनाएंगे।
इंदौर संभाग से शहर काजी ने इंदौर में हुई घटना के लिए देश-प्रदेश से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि जो लोग जिन्दगी बचा रहे हैं, उनके साथ ऐसा बर्ताव दुर्भाग्यपूर्ण है। राधे बाबा ने कहा कि इंदौर में प्रशासन द्वारा बहुत अच्छा कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा एक अन्य धर्मगुरू ने कहा कि गेहूँ की फसल पक गई है, उसकी कटाई आदि की व्यवस्था की जाना चाहिए। प्रशासन में लगे अमले की सैकण्ड लाईन भी तैयार की जाना चाहिए।
उज्जैन संभाग के शहर काजी ने सुझाव दिया कि जो भी लोग बाहर से शहरों में आए, उनकी जाँच होना जरूरी है। उन्होंने उज्जैन में कोरोना के प्रकरण न बढ़ने पर प्रशासकीय व्यवस्थाओं की तारीफ की। एक अन्य धर्मगुरू ने बताया कि वे सरकार के साथ मिलकर जनता की मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी-कर्मचारी प्रतिदिन कम से कम पाँच लोगों को भोजन सामग्री प्रदाय करें। रामेश्वर दास महंत ने सुझाव दिया कि कुंजन क्रिया बुखार आदि से तुरंत राहत दिलाती है।
ग्वालियर संभाग के नायब शहर काजी ने प्रशासकीय व्यवस्थाओं की तारीफ की। उन्होंने कहा कि यह इबादत का समय है। सभी अपनी भागीदारी निभाएं। घर में रहकर खुदा से दुआ करें कि कोरोना संकट जल्दी खत्म हो। श्री त्रिलोक सिंह भाटिया ने कहा कि ऐसी व्यवस्था हो कि कोई भी व्यक्ति इस संकट के समय में भूखे न रहे। वहाँ के बिशप ने स्वास्थ्य विभाग के योगदान की सराहना की तथा कहा कि ईश्वर शीघ्र ही इस संकट से हमें बाहर निकालेगा।
जबलपुर संभाग के धर्मगुरूओं ने कोरोना संकट के दौरान प्रधानमंत्री के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने पूरे देश को एक सूत्र में बांध दिया है। जबलपुर में कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण के लिए धर्मगुरूओं द्वारा शासन को धन्यवाद दिया गया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की सक्रियता, तत्परता एवं जागरूकता से हम इस बीमारी पर प्रभावी नियंत्रण कर पाए हैं। समन्वय परिवार ट्रस्ट द्वारा जबलपुर में निर्धन एवं निराश्रितों के लिए भोजन आदि की निरूशुल्क व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस समय जनता अपने-अपने घर को मंदिर बना ले। प्रशासन, पुलिस पूरी सख्ती करे और जाँच के बाद ही किसी को नगर में आने दे।
सागर संभाग के धर्मगुरूओं द्वारा सरकार के प्रयासों की सराहना की गई। सिख समाज के धर्मगुरू ने बताया कि सागर में किसी को भूखा नहीं रहने दिया जाएगा। गुरूद्वारों में 24 घंटे लंगर चल रहे हैं, जिनमें भोजन कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह संदेश जनता को दिया जा रहा है कि कोई भी घर से बाहर न निकलें, यदि बाहर निकला तो यह स्वयं एवं परिवार के लिए तबाही का कारण बनेगा।
रीवा संभाग के शहरकाजी ने कहा कि कोरोना संकट के द्वौरान भारत की एकता, अखण्डता की सही तस्वीर नजर आ रही है। सभी आपसी सद्भाव के साथ कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि आगामी शबे बारात पर घर पर ही नमाज अदा की जाएगी। इस्लाम इंसानियत की हिफाजत करना सिखाता है। धर्मगुरूओं ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बताया कि रीवा में संभागायुक्त एवं आई.जी. द्वारा समय रहते सीमाएं सील कर दी गईं, जिससे कोरोना नियंत्रित रहा। उन्होंने कोरोना सहायता के लिए कलेक्ट्रेट में काउंटर बनाए जाने का सुझाव दिया।
होशंगाबाद संभाग के धर्मगुरू आचार्य सोमेश ने सुझाव दिया कि कोरोना के प्रति जनता को अधिक से अधिक जागरूक किया जाए। आवश्यक सावधानियां बरती जाएं तथा अफवाहों से दूर रहा जाए। वहां के आर्च बिशप ने घरों पर ही आराधना करने की बात कही। शहर काजी ने कहा कि सावधानी में ही सुरक्षा है।
शहडोल संभाग से जैन समाज के धर्मगुरू ने कहा कि प्रशासन की जागरूकता की वजह से शहर में एक भी कोरोना केस नहीं है। फादर एंटेनी ने कोरोना संकट को गंभीरता से लेने की बात कही। एक अन्य धर्मगुरू ने सुझाव दिया कि शासन द्वारा प्रत्येक धार्मिक स्थल पर कोरोना संबंधी बचाव आदि की जानकारी भिजवायी जाए, जिससे वे लोगों को बता सकें। चंबल संभाग के धर्मगुरूओं ने बताया कि आगामी पर्व घर पर रहकर ही मनाएंगे। लॉकडाउन में प्रशासन को पूरा सहयोग किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा मुस्तैदी से वहां कार्य किया जा रहा है।
सुझावों पर अमल किया जाएगा
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सभी धर्मगुरूओं से प्राप्त सुझावों को ध्यान से सुना तथा कहा कि उन पर अमल किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत विभाग के माध्यम से कोरोना संबंधी टेस्टिंग का कार्य किया जाएगा। बाहर से आए मजदूरों के लिए भी राशन एवं खाद्यान्न की व्यवस्था की जा रही है। फसल कटाई के लिए किसानों को हार्वेस्टर आदि की अनुमति रहेगी। कटाई का कार्य सोशल डिस्टेंसिंग के साथ करें। जो लोग कोरोना संकट में तैनात हैं, उनकी सेकण्ड लाईन भी तैयार की जा रही है।
क्रमांक 52
आदिवासी महिलाएं ग्रामीणों, वनकर्मियों के लिये बना रहीं ष्होम मेड मास्क
उमरिया 4 अप्रैल- मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा अनुरूप वन विभाग ने नोवेल कोरोना वाइरस के संक्रमण के दौरान ग्रामीण क्षेत्र में लोगों में स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के प्रति जागरूकता के लिये ग्रीन इंडिया मिशन अंतर्गत नई पहल की है। वनमंडल उत्तर बैतूल के परिक्षेत्र भौंरा में सिलाई प्रशिक्षण प्राप्त आदिवासी महिलाओं के ष्अरण्य स्व-सहायता समूहष् द्वारा वन विभाग के सहयोग से भारत सरकार की गाइडलाइन अनुसार कॉटन के कपड़े से मास्क निर्माण का कार्य किया जा रहा है।
यह मासस्क ष्होम मेड मास्कष् की श्रेणी में आता है, जो कोरोना वाइरस के संक्रमण को रोकने में 70 प्रतिशत तक सफल है। इसे धोने के बाद कई बार उपयोग किया जा सकता है। इस मास्क को अल्ट्रा वायलेट लाइट तकनीकी से संक्रमित रहित (सेनिटाईज) किया जा रहा है। समूह द्वारा 10 हजार मास्क निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। समूह द्वारा पिछले 24 मार्च से 2 अप्रैल तक 5000 मास्क निर्माण किए जाकर वितरित किए जा चुके हैं। यह मास्क 8 रूपये की दर पर स्थानीय ग्रामीणों को प्रदाय किया जा रहा है।
होम मेड मास्क प्राथमिकता के आधार पर वन अमले, वन सुरक्षा में लगे सुरक्षा श्रमिक तथा ऐसे ग्रामीणों, जो ग्राम से बाहर किसी कार्य से गए थे एवं वापस लौटे हैं एवं ऐसे व्यक्ति, जिन्हें आकस्मिक कार्य से बाहर जाना पड़ता है और मास्क क्रय करने में समर्थ नहीं है, उन्हें विभाग की संयुक्त वन प्रबंध समितियों के माध्यम से निरूशुल्क वितरित किए जा रहे हैं। इस काम में वन कर्मचारी एवं वन समितियाँ सक्रियता से भाग ले रही हैं। मास्क वितरण का काम सभी वन परिक्षेत्रों में किया जा रहा है। वन समितियों में मास्क वितरण के साथ-साथ हाथ धोने के लिये साबुन भी प्रदाय किया जा रहा है। ग्रामीणों को समय-समय पर हाथ धोने एवं मास्क को पुनरू उपयोग के पूर्व साबुन से गरम पानी में धोकर पाँच घंटे तेज धूप में सुखाने की समझाइश भी दी जा रही है।
मास्क के लिये सामग्री की निरंतर उपलब्धता के संबंध में स्थानीय अधिकारी स्थानीय प्रशासन के सम्पर्क में हैं। समूह प्रति दिन लगभग 1000 मास्क निर्माण करने का क्षमता रखता है। मास्क निर्माण के माध्यम से स्व-सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार के साथ-साथ राष्ट्र को इस कठिन परिस्थिति में अपना बहुमूल्य योगदान देने का अवसर प्राप्त हो रहा है।
क्रमांक 53
लॉक डाउन के दौरान ई-मेल, ई-ऑफिस मान्य
उमरिया 4 अप्रैल- राज्य शासन ने निर्देश जारी किये हैं कि ई-मेल, ई-आफिस और (छप्ब्) से जारी आदेश, पत्राचार, स्वीकृति एवं पत्राचार को मान्य किया जाये। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश के मुताबिक समस्त कार्यालय 14 अप्रैल तक लॉक डाउन होने के कारण 15 अप्रैल, 2020 तक सक्षम अधिकारी द्वारा ऑफिशियल ई-मेल, ई-ऑफिस (छप्ब्) से जारी आदेशध्पत्राचारध् स्वीकृति को भौतिक आदेशध्स्वीकृतिध्पत्राचार के समान मान्य होंगे।
क्रमांक 54
प्रदेश में समस्त खेल गतिविधियां 30 अप्रैल तक स्थगित
उमरिया 4 अप्रैल- विश्वव्यापी नोबेल कोरोना ( ब्वअपक-19) वायरस संक्रमण के संभावित खतरे को ध्यान में रखते हुए संचालक खेल और युवा कल्याण श्री व्ही. के. सिंह ने प्रदेश के सभी स्टेडियमोंध्मैदानों पर संचालित खेल गतिविधियां, प्रशिक्षण एवं अन्य प्रतियोगिताओं को 30 अप्रैल, 2020 तक के लिए स्थगित कर दिया है। इस बारे में समस्त संभागीयध्जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी तथा प्रभारी, राज्य खेल अकादमी को निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।
खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा जारी आदेश के मुताबिक कोरोना ( ब्वअपक-19) महामारी के संक्रमण को रोकने के संबंध में भारत सरकार एवं राज्य शासन के निर्देशानुसार सोशल डिस्टेन्सिंग के पालन को कड़ाई से लागू करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। उल्लेखनीय है कि पूर्व में खेल गतिविधियों को स्थगित करने के संबंध में यह अवधि 31 मार्च, 2020 निर्धारित की गई थी।
क्रमांक 55
प्रदेश की डिस्टलरीज द्वारा निर्मित सेनेटाइजर की दरें निर्धारित
उमरिया 4 अप्रैल- आबकारी आयुक्त श्री राजेश बहुगुणा ने प्रदेश की सभी डिस्टलरीज को सेनेटाइजर की बोतलों में विक्रय मूल्य अंकित करने के निर्देश दिये। उन्होंने अपेक्षा की है कि प्रदेश में कोरोना वायरस इस राष्ट्रीय आपदा के मद्देनजर 180 एमएल की 50 बोतलों की पेटी की शासकीय आपूर्ति के लिये जीएसटी सहित कीमत 1800 रूपये और गैर शासकीय आपूर्तिध्विक्रय के लिये अधिकतम 2100 रूपये से अधिक नहीं रखें। श्री बहुगुणा ने कहा है कि 180 एमएल की प्रत्येक बोतल में एमआरपी जीएसटी सहित 60 रूपये से अधिक और 90 एमएल की बोतल में 30 रूपये से अधिक अंकित नहीं करें। इससे विक्रेताओं को राष्ट्रीय आपदा के समय अनुचित लाभ लेने से रोका जा सकेगा। यदि 180 एमएल की बोतलों की अधिक मात्रा जैसे 5, 10, 20 लीटर आदि में यह आपूर्ति शासकीय संस्थाओं में की जाती है, तो 175 रूपये प्रति बल्क लीटर और गैर शासकीय संस्थाओं को 190 रूपये प्रति बल्क लीटर जीएसटी सहित आपूर्ति की जाये। प्रदेश की डिस्टलरियों में निर्मित सेनेटाइजर को संभागीय आयुक्तध्जिला कलेक्टर के नियंत्रण में आबकारी विभाग के डिपो में रखा गया है। संभागीय आयुक्त इच्छानुसार इसे जिला मुख्यालयों पर स्थित जिला डिपो में संग्रहित करवा सकते हैं। शासकीय जरूरत के अनुसार पर्याप्त मात्रा में सेनेटाइजर उपलब्ध होने पर इसे मेडिकल स्टोरध्विक्रय स्थलों पर ड्रग निरीक्षक के माध्यम से आमजन को विक्रय के लिये उपलब्ध करवा सकते हैं। ऐसे विक्रय स्थलों पर आवश्यक रूप से बाहर एक नोटिस बोर्ड पर यह प्रदर्शित किया जाना चाहिए कि दुकान में कितना सेनेटाइजर उपलब्ध है और उपभोक्ता के लिये इसके विक्रय मूल्य क्या है।
श्री बहुगुणा ने कहा है कि 20 सेकेण्ड तक साबुन से हाथ धोने पर वही प्रभाव होता है, जो सेनेटाइजर के उपयोग से होता है। उन्होंने कहा है कि शासकीय डिपो में सेनेटाइजर का पर्याप्त स्टॉक है तो डिस्टलरी के संचालक संभागीय आयुक्त से अनापत्ति प्राप्त कर खुले बाजार में भी इसे बेच सकते हैं। उन्होंने सभी संभागीय आयुक्त और कलेक्टर्स को प्रदेश के डिस्टलरीज द्वारा निर्मित सेनेटाइजर के मूल्य एवं विक्रयध्वितरण की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिये।
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प्रदेश की डिस्टलरीज द्वारा निर्मित सेनेटाइजर की दरें निर्धारित
उमरिया 4 अप्रैल- आबकारी आयुक्त श्री राजेश बहुगुणा ने प्रदेश की सभी डिस्टलरीज को सेनेटाइजर की बोतलों में विक्रय मूल्य अंकित करने के निर्देश दिये। उन्होंने अपेक्षा की है कि प्रदेश में कोरोना वायरस इस राष्ट्रीय आपदा के मद्देनजर 180 एमएल की 50 बोतलों की पेटी की शासकीय आपूर्ति के लिये जीएसटी सहित कीमत 1800 रूपये और गैर शासकीय आपूर्ति/विक्रय के लिये अधिकतम 2100 रूपये से अधिक नहीं रखें।
श्री बहुगुणा ने कहा है कि 180 एमएल की प्रत्येक बोतल में एमआरपी जीएसटी सहित 60 रूपये से अधिक और 90 एमएल की बोतल में 30 रूपये से अधिक अंकित नहीं करें। इससे विक्रेताओं को राष्ट्रीय आपदा के समय अनुचित लाभ लेने से रोका जा सकेगा। यदि 180 एमएल की बोतलों की अधिक मात्रा जैसे 5, 10, 20 लीटर आदि में यह आपूर्ति शासकीय संस्थाओं में की जाती है, तो 175 रूपये प्रति बल्क लीटर और गैर शासकीय संस्थाओं को 190 रूपये प्रति बल्क लीटर जीएसटी सहित आपूर्ति की जाये।
प्रदेश की डिस्टलरियों में निर्मित सेनेटाइजर को संभागीय आयुक्त/जिला कलेक्टर के नियंत्रण में आबकारी विभाग के डिपो में रखा गया है। संभागीय आयुक्त इच्छानुसार इसे जिला मुख्यालयों पर स्थित जिला डिपो में संग्रहित करवा सकते हैं। शासकीय जरूरत के अनुसार पर्याप्त मात्रा में सेनेटाइजर उपलब्ध होने पर इसे मेडिकल स्टोर/विक्रय स्थलों पर ड्रग निरीक्षक के माध्यम से आमजन को विक्रय के लिये उपलब्ध करवा सकते हैं। ऐसे विक्रय स्थलों पर आवश्यक रूप से बाहर एक नोटिस बोर्ड पर यह प्रदर्शित किया जाना चाहिए कि दुकान में कितना सेनेटाइजर उपलब्ध है और उपभोक्ता के लिये इसके विक्रय मूल्य क्या है।
श्री बहुगुणा ने कहा है कि 20 सेकेण्ड तक साबुन से हाथ धोने पर वही प्रभाव होता है, जो सेनेटाइजर के उपयोग से होता है। उन्होंने कहा है कि शासकीय डिपो में सेनेटाइजर का पर्याप्त स्टॉक है तो डिस्टलरी के संचालक संभागीय आयुक्त से अनापत्ति प्राप्त कर खुले बाजार में भी इसे बेच सकते हैं। उन्होंने सभी संभागीय आयुक्त और कलेक्टर्स को प्रदेश के डिस्टलरीज द्वारा निर्मित सेनेटाइजर के मूल्य एवं विक्रय/वितरण की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिये।
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