पेयजल समस्या
नगर पालिका परिषद सारणी की उदासीनता के कारण
आम जनता अनैतिकता की ओर ,; कोयला श्रमिक त्रस्त
(रिपोर्ट वीरेंद्र झा द्वारा)
पाथाखेडा । नगर पालिका परिषद सारणी कि प्रमुख जवाबदेही है कि जनता को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाए । परंतु नगर पालिका परिषद सारणी बरसों से उसके प्रति उदासीन दिखते आ रही है जिसके कारण नगर पालिका सारणी क्षेत्र में कई दशक के बाद आज भी मूलभूत सुविधाओं से जनता कोशो दूर है। विकास के नाम पर नगरपालिका रिटर्निंग वाल , पुल-पुलिया, सीसी रोड, सामुदायिक भवन आदि सीमेंट निर्माण कार्य आवश्यकता से अधिक कर रही है अर्थात सीमेंट कॉन्क्रीट की जाल बिछाने मैं अधिक नजर आती है वही मूलभूत सुविधाओं जैसे पानी, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ आदि के विकास के नाम पर केवल खाना पूर्ती कर रही है।
जहां एक ओर नगर पालिका परिषद सारणी मूलभूत सुविधाओं की जवाब देही से सकून में वही कोल प्रबंधन के लिए सिरदर्द बनी हुई है। क्योंकि नगर पालिका क्षेत्र में 16000 आवास है जिसमें वेकोली एवं म प्र पा ज क लि के कुल लगभग 8000 आवास है जिसमें पानी बिजली एवं सफाई का कार्य दोनों कंपनियां स्वयं कर रही है। जबकि जवाबदेही नगर पालिका की बनती है क्योंकि दोनों कंपनियों से संपति कर ले रही है साथ ही इस आवास में रहने वाले लोग नगर पालिका के निवासी हैं। शेष 8000 आवास में लगभग 5000 आवास में गैर कामगार वेकोली के द्वारा वन विभाग से लीज पर ली हुई जमीन पर अतिक्रमण कर रह रहे हैं। इन गैर कामगार (आम जनता)को नगर पालिका के द्वारा उचित रुप से पानी बिजली की सुविधा नहीं मिलने के कारण यह लोग अनैतिक रुप से वैकोली की बिजली पानी की चोरी से उपयोग कर रहे हैं । मुफ्त में ओ भी चोरी की होने के कारण बिजली पानी का अत्यधिक दुरुपयोग करते हुए पाया गया। जिसके कारण कोयला कामगारों को उचित मात्रा में एवं उचित समय पर पानी बिजली नहीं मिल रही है जिसे कोयला कामगार के परिवार परेशान है। बेकोली के लगभग 5109 आवास में 4से 5 दिन मैं पानी मिलता है वह भी काफी कम मात्रा में कई कामगार के घरों में तो कई महीनों में पानी मिलता है। इसकी सच्चाई पता करने पर पता चला कि वेस्टर्न कोल फिल्ड्स लिमिटेड द्वारा म प्र पा ज क लि सारणी के डेम से प्रतिदिन 60 से 65 हजार लीटर पानी लेती है जो पाइपलाइन से फिल्टर प्लांट तक पहुंचते पहुंचते 30 से 35,000 लीटर पानी ही मिल पाता शेष 20000 से 25,000 लीटर पानी की चोरी हो रही है। इसकी पीछे कारण यह है कि कई दशक पूर्व पेयजल लाने के लिए जो पाइपलाइन बिछाई थी उसके आसपास हजारों की संख्या में अतिक्रमण करके झोपड़ी बनाकर गैर कामगार रह रहे हैं यह इलाका ड्रिलिंग कैंप, पीके वन खदान , राजेंद्र नगर शिवाजी नगर पीके 2 खदान का है। यहां की जनता मजबूरी में मरता क्या नहीं करता के तहत अनैतिक रुप से बेकोलि के पानी के मेन पाइपलाइन में सैकड़ों की संख्या में छेद कर अवैध रुप से हजारों की संख्या में कनेक्शन ली हुई है । आम जनता यह जो पानी पी रही है वह काफी दूषित है क्योंकि पानी फ़िल्टर नहीं है जिसे उनके स्वास्थ पर भी असर पड़ा है ।
समय समय पर वेलोली द्वारा अवैध कनेक्शन काटा जाता है परंतु जनता अपनी मजबूरी के कारण पुन अवेध कनेक्शन कर लेती है । यदि भविष्य में कोल विभाग द्वारा ठोस कदम के तहत कानूनी कार्रवाई की जाती है तो यह आम जनता मजबूरी में अपराधी के श्रेणी में आ सकते हैं जिसका जवाबदार नगर पालिका सारणी होगी।
20000 से 25,000 लीटर पानी की प्रतिदिन चोरी होने के कारण कोयला श्रमिकों को उचित मात्रा में नियमित रुप से पानी नहीं मिल पा रही है जिसे वे और उनका परिवार काफी त्रस्त हैं ।
सूत्रों का कहना कि यह अवेध कनेक्शन पूर्ण रूप से कट जाए और नगरपालिका वैकोलि से पानी लेकर उपरोक्त आम जनता को पानी प्रदाय कर सकती है क्योंकि WCL की पाइपलाइन की कैपिसिटी एक करोड़ लीटर प्रतिदिन की है । जबकि wcl को 50000 लीटर प्रयाप्त है। शेष पानी नगर पालिका ले सकती है केवल एक सकारात्मक सोच की आवश्यकता है।
पेयजल समस्या नगर पालिका परिषद सारणी की उदासीनता के कारण आम जनता अनैतिकता की ओर ,; कोयला श्रमिक त्रस्त (रिपोर्ट वीरेंद्र झा द्वारा)