भोोपालः पूर्ववर्ती कांगे्रस सरकार द्वारा जारी महंगाई भत्ते की दर
में वृद्धि का आदेश स्थगित करना सरकार का तानाशाहीपूर्ण निर्णय
लोकतंत्र की हत्या कर बनी भाजपा सरकार ने पहले ही पखवाड़े
में कर्मचारियों के साथ किया कुठाराघात: जीी
प्रदेश कांगे्रस मीडिया विभाग के नवनियुक्त अध्यक्ष जीतू पटवारी (विधायक) ने प्रदेश की एकला चलो शिवराज सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि पूरा देश जिसमें मध्यप्रदेश भी अछूता नहीं है, कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण से त्राहिमाम कर रहा है वहीं भाजपा सरकार बने महज एक पखवाड़े भी नहीं हुआ और वह अपने पुराने ढर्रे पर आ गई है, बिना केबिनेट की सरकार के मुखिया शिवराजसिंह चैहान ने अपना तानाशाही रवैया फिर से दिखाना शुरू कर दिया।
श्री पटवारी ने कहा कि पूर्ववती कांगे्रस की कमलनाथ सरकार ने बीते 16 मार्च को प्रदेश के लाखों कर्मचारियों की मांग को पूरा करते हुए उनके हित में एक ऐतिहासिक फैसला लिया था। श्री नाथ ने प्रदेश के सभी शासकीय सेवकों व स्थाई कर्मियांे के महंगाई भत्ते में 1 जुलाई 2019 से छठवे वेतनमान में 164 प्रतिशत व सातवें वेतनमान में 17 प्रतिशत महंगाई भत्ते की दर निर्धारित की थी, जिसका नगद भुगतान मार्च 2020 से किये जाने का निर्णय लिया गया था, जिसका कर्मचारियों ने स्वागत किया था।
श्री पटवारी ने कहा कि शिवराज सरकार ने आते ही अपनी कर्मचारी विरोध सोच को उजागर कर दिया है। जहां एक ओर प्रदेश का स्वास्थ्य और पुलिस विभाग का संपूर्ण अमला इस भीषणतम महामारी कोरोना के बीच अपनी जान जोखिम में डाल कर अपनी सेवाएं दे रहा है, वहीं तत्कालीन सरकार द्वारा प्रदेश के लाखों कर्मचारियों के हित में उनके महंगाई भत्ते में जो 5 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी, एक पखवाड़ा भी नहीं बीता कि शिवराज सरकार ने उस आदेश को स्थगित कर दिया है, जिसके चलते प्रत्येक अधिकारी व कर्मचारी को 1000 रूपये से लेकर 6000 रूपये तक का मासिक नुकसान होगा, जो कर्मचारियों के साथ बेहद कुठाराघात और निदंनीय है।
श्री पटवारी ने, लोकतंत्र की हत्या कर बनी शिवराज सरकार से माँग की है कि वे कर्मचारी विरोधी इस आदेश को तत्काल वापिस लें और कर्मचारियों के हित में कांगे्रस सरकार द्वारा लिये गये इस फैसले को पुनः अविलंब लागू करे, अन्यथा कांग्रेस पार्टी तानाशाहीपूर्ण लिये गये इस निर्णय का पुरजोर विरोध करेगी।