अभी तक सिलसिलेवार ठोस योजना का अभाव
प्रवासियों को वापिस लाने में दृढ़ इच्छाशक्ति नहीं-भूपेन्द्र गुप्ता
भोपाल। लॉक डाउन में अपने गांव से दूर फंसे हजारों मजदूरों को उनके प्रदेश में भेजने और दूसरे राज्यों से मध्य प्रदेश में आने वाले मजदूरों के लिए सिलसिलेवार और ठोस कार्य योजना ना होने के कारण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पूरी तरह फेल हैं और अक्षम साबित हो गए हैं ।
उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार है लेकिन उसने उसके अपने ही मजदूरों को लेने से इंकार कर दिया है लिहाजा मध्य प्रदेश से 5 बसों में झांसी के रास्ते भेजे गए मजदूरों को मजबूरन वापस लाना पड़ा है ।क्या उन्हें भेजने के पहले शिवराज सिंह ने योगी जी को नहीं बताया था ? उत्तर प्रदेश के अफसरों से बात तक नहीं की गई नतीजा सबके सामने है। लॉकडाऊन को 45 दिन हो चुके हैं लेकिन प्रवासी मजदूरों के लिए अभी तक ठोस एक्शन प्लान नहीं बना है। मुख्यमंत्री और आला अफसरों में दृढ़ इच्छाशक्ति की कमी है इसी कारण 16 गरीब आदिवासियों को ट्रेन से कट कर अपनी जान गवानी पड़ी ।लेकिन मुख्यमंत्री अभी भी प्रवचन दे रहे हैं कि "पैदल मत चलना हम आपको लेने आ रहे हैं।" सरकार की निष्ठुरता के कारण हजारों लोग अभी भी पैदल ही अपने गांव कूच किए जा रहे हैं।
सीएम प्रदेश के अखबारों में तो स्पेशल ट्रेन चलाने का बयान देते हैं लेकिन यह सूचना जिन राज्यों में प्रकाशित और प्रसारित होना चाहिए वहां सब शून्य है। क्योंकि मध्यप्रदेश के अफसरों का अन्य प्रदेश के अफसरों से तालमेल बिल्कुल नहीं है।
गुप्ता ने सवाल उठाया है कि सरकार उन अधिकारियों के नाम जाहिर करे जिन्होने एक हफ्ते तक औरंगाबाद में फौत हुए उन मजदूरों की सुनवाई नहीं की,और उनकी जानलेवा उदसीनता से 16 आदिवासी मारे गये।
आज भी हजारों मजदूर पैदल जा रहे हैं और सरकार मिथ्या आंकडे़ जारी कर रही है।गुप्ता ने कहा कि एक तरफ मध्यप्रदेश के प्रवासियों से बसूली हो रही थी और दूसरी तरफ उत्तरप्रदेश के प्रवासी मजदूरों को मुफ्त भेजे जाने पर भी योगी सरकार उन्हें वापिस लौटा रही है।
गुप्ता ने कहा कि सरकार कांग्रेस को मजदूरों की सूची सौंपे ताकि कांग्रेस उन्हें उनके घर तक सुरक्षित भेज सके।