(राकेश शौण्डिक-राँची/झारखंड)
*एसडीओ रांची के निदेशानुसार दवाई दुकानों की जांच-पड़ताल*
*कॉरेक्स का नशीले पदार्थ के रूप में इस्तेमाल किए जाने की कुछ जगहों से मिल रही थी सूचनाएं*
*बिना डॉक्टर के लिखित पर्चे के, किसी को भी दवाई न दें, संचालक: एसडीओ रांची*
*आज विभिन्न हिस्सों के दुकानों का किया गया निरीक्षण*
*अभी आगे भी लगातार चलेगा जांच अभियान*
वैश्विक महामारी घोषित कोविड-19 के प्रसार के रोकथाम के लिए पूरे रांची जिले में लॉक डाउन जारी है। इस दौरान पूरे रांची जिला अन्तर्गत केवल आवश्यक सामग्रियों की दुकानों का संचालन करने की अनुमति है। आज, रविवार को अनुमण्डल पदाधिकारी रांची के निदेशानुसार प्रतिनियुक्त मजिस्ट्रेट एवं पुलिस अधिकारियों की संयुक्त टीम के द्वारा पूरे रांची के विभिन्न हिस्सों में दवाई दुकानों का निरीक्षण किया गया।
लॉकडाउन के दौरान ऐसी सूचनाएं प्राप्त हो रही थीं कि शराब की दुकानें बंद होने के कारण कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा दवाई दुकानों से कॉरेक्स ले कर उसका सेवन नशीले पदार्थ के तौर पर किया जा रहा है। इस पर संज्ञान लेते हुए अनुमण्डल पदाधिकारी रांची श्री लोकेश मिश्रा ने मजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति कर पुलिस बल के साथ शहर भर की दवाई दुकानों के निरीक्षण का निदेश दिया।
जिस पर टीम ने आज शहर के विभिन्न हिस्सों में दवाई दुकानों का निरीक्षण किया। इस दौरान संचालक/मालिक से दुकान में मौजूद दवाइयों का स्टॉक रजिस्टर मांगा गया। साथ ही इसके आधार पर दुकान में उपलब्ध संबंधित दवाइयों की मिलान कर जांच की गई। इसके अतिरिक्त स्टोर के रशीद पंजी इत्यादि सहित सिर्फ प्रेस्क्रिप्शन के आधार पर दवाइयों को उपलब्ध करवाया जा रहा है या नहीं, इस संबंध में जरूरी कागजातों की भी जांच की गई।
जांच के दौरान अधिकारियों ने सभी दवा विक्रेताओं को इस सम्बंध में सख्त हिदायत भी दी कि बिना डॉक्टर के लिखित प्रेस्क्रिप्शन किसी को भी दवाई उपलब्ध न करवाई जाए। ऐसा करते हुए पकड़े जाने पर न केवल उनकी दुकान सील की जा सकती है अपितु सुसंगत धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
अनुमण्डल पदाधिकारी श्री लोकेश ने बताया कि, " कुछ जगहों से शराब का सेवन करने वाले लोगों द्वारा दवाई के रूप में बिकने वाले कॉरेक्स का सेवन नशीले पदार्थ के तौर पर किया जा रहा है।। यह न सिर्फ गैरकानूनी है अपितु इससे जान की भी क्षति हो सकती है।
उक्त के आलोक में आज मजिस्ट्रेट एवं पुलिस बलों की एक संयुक्त टीम बना कर जांच हेतु भेजी गई थी। उन्होंने शहर के अलग-अलग हिस्सों में दवाई दुकानों पर जा कर जरूरी जांच-पड़ताल की है। जांच के दौरान आज किसी प्रकार की संबंधित अनियमितता नहीं मिली है। यह जांच अभियान अभी लगातार जारी रहेगा।
मेरा सभी दवा विक्रेताओं से अनुरोध है एवं सख्त हिदायत है कि बिना डॉक्टर के लिखित पर्चे के किसी भी व्यक्ति को कोई ऐसी दवा उपलब्ध न करवाई जाए, जिसका गलत तरीके से इस्तेमाल किया जाता है। ऐसा करते हुए पकड़े जाने पर सुसंगत धाराओं के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"