(हीरानंद गणवानी)
निजी यात्री बस संचालक व कर्मचारियों के हित में शीघ्र निर्णय ले सरकार: इंटक
भोपाल। प्रदेश में लॉकडाउन में रियायत देने की तैयारी के चलते मप्र ट्राँसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन इंटक ने निजी बस संचालकों व कर्मचारियों को विशेष राहत देने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। वहीं छोटे निजी बस संचालकों को एक वर्ष के लिए बिना ब्याज क ऋण उपलब्ध कराये जाने के लिए भी कहा गया है जिससे निजी परिवहन के क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों आर्थिक तंगी से ऊबर सकें। मप्र ट्राँसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन इंटक के प्रदेश प्रवक्ता विजय कुमार शर्मा ने प्रेस को जारी बयान में कहा है कि कोबिड 19कोरोना महामारी के चलते जारी लॉक डाउन के कारण देश के साथ मप्र में भी 22मार्च से यात्री बस संचालक पूर्ण रुप से बन्द है जिससे व्यवसाय ठप्प है। कर्मचारी एवं छोटे बस संचालक जो जन सेवा के साथ परिवार के भरण पोषण के लिये बैंकों से ऋण लेकर एक दो बसें संचालित कर रहे थे पूर्ण रुप से बेरोजगार हैं ।बे बमुश्किल स्टाफ का बेतन, भत्ते, किस्त, टैक्स, निकालने के बाद परिवार का भरण पोषण कर पाते थे, उनकी स्थति मजदूरों से भी खराब हो गई है। ना परिवार के लिये रोटी है न पुन: बस संचालन के लिये पैसे बचे हैं। इसके साथ ही फायनेंस की किस्त ब्याज सहित और टैक्स बिना संचालन के ही बड़ता जा रहा है बीमा अवधि भी कम होती जा रही है। वहीं बड़े बस संचालक खर्चा भी बड़ा है जिससे उनकी स्थिति भी अधिक खराब होती जा रही है अर्थात निजी यात्री बस व्यवसाय पर गम्भीर संकट है। फेडरेशन प्रवक्ता ने बताया कि फेडरेशन इंटक महामंत्री प्रवेश मिश्रा मांगपत्र, ट्यूटर, मीडिया के माध्यम से निरन्तर शासन-प्रशासन का ध्यान इस गंभीर बिकराल समस्या की ओर आकर्षित करते आ रहें हैं पर सरकार मौन धारण किये हुये हैं। जिससे सभी बस संचालकों एवं कर्मचारियों के लिये सरकार का असहयोग कोरोना से बड़ी महामारी बनता जा रहा है। फेडरेशन इंटक महामंत्री ने पुन: प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर मांंग की है कि वे बस संचालकों एवं कर्मचारियों की समस्या को गम्भीरता से लेकर भारत सरकार परिवहन विभाग के दिशा निर्देशानुशार यात्री बसों के लॉक डाउन अवधि के सभी प्रकार के टैक्स अविलम्ब माफ करें,लॉकडाउन समाप्ति पर 50 प्रतिशत यात्री के संचालन के साथ ही स्पेयर एवं परमिट टैक्स भी 50 प्रतिशत लेने के साथ संचालन के आदेश जारी किए जाएं। बैंक की किस्त जमा कराने में तीन माह की छूट दी गई है पर किस्त ब्याज सहित बड़ रही है जो बहुत मंहगी पडऩे वाली है। यह अवधि छ:माह की जाए और इन छ: माह का ब्याज माफ किए जाने के लिए आदेश जारी किए जाएं। बसों के असंचाल अवधि के बराबर बीमा वैधता भी आगे बड़ाई जाने के आदेश बीमा कंपनियों को दिए जाएं। कर्मचारियों के लिये नि:शुल्क राशन एवं आर्थिक सहायता दी जाए। दस्तावेजों की वैधता 30 जून से बढ़ाकर 30 सिप्तम्बर की जावे? छोटे बस संचालकों को पुन: व्यवसाय प्रारंभ करने आर्थिक सहायत दी जावे और यदि सरकार सहायता देने में असमर्थ हो तो वाहन रजिस्ट्रेशन के आधार पर एक वर्ष के लिये दो-दो लाख रुपये का बिना ब्याज के सरकार की गारण्टी पर ऋण उपलब्ध कराया जाए। फेडरेशन इंटक महामंत्री ने कहा है कि कोरोना महामारी राष्ट्रीय आपदा है और राष्ट्रीय आपदा में राष्ट्रीय आपदा कानून ही चलता है जिसमें केन्द्र एवं राज्य सरकारों को मानव जीवन एवं व्यवस्थायें पुन:सुचारु करने के लिये सर्वाधिकार प्राप्त हैं। इसलिये सरकार प्रदेश के हजारों संचालकों, लाखों मजदूरों एवं उनके परिजनों के हित में अविलम्व आदेश जारी करे। जिससे प्रदेश की जनता की स्वस्थ चेतन्य मानसिकता से पुन:सेवा की जा सके।