राकेश शौण्डिक राँची:
आज मेरी बुआ श्रीमती निर्मला देवी का हृदय गति रुकने से 4:00 बजे भोर में देहांत हो गया बुआ बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला देव जहां सूर्य मंदिर है वहीं की रहने वाली थी आकस्मिक निधन से हम सब परिवार दुखित है और तब भगवान से प्रार्थना करते हैं कि मृत आत्मा को शांति प्रदान करें
अपने पीछे पूरा भरा परिवार छोड़ गई है को बहुत ही मृदुल स्वभाव और अस्पष्ट बात करने वाली थी बड़ी ही मोहक अंदाज में बड़ी से बड़ी समस्याओं का समाधान करती थी जब भी हमें कुछ ऐसा लगता था तो हम जरूर एक बार बात करते थे बहुत ही हिम्मत देती थी अपने पूरे परिवार के लिए एक प्रेरणा स्रोत थी मैं इस आकस्मिक निधन से बहुत ही दुखित हूं जिसका बयान शब्दों में नहीं किया जा सकता और मैं संकल्प लेता हूं की उस काम को उसके जिंदगी में मुझे करना था मैं नहीं कर पाया अब मैं उस काम को अवश्य करूंगा जिससे उसकी आत्मा को शांति मिले घटना बहुत ही आश्चर्य चकित कर रही है क्या करें क्या नहीं करें किंकर्तव्यविमूढ़ में डाल दिया है हमें समझ में नहीं आ रहा है कि मनुष्य का जीवन क्या है कैसे हो काम करेगा कैसे हो सकता है जीवन का निर्माण जीवन का निर्माण ।