चूहा अगर पत्थर का हो तो* सब उसे पूजते हैं* मगर जिन्दा हो तो मारे बिना* चैन नहीं लेते हैं* June 24, 2020 • Mr. Dinesh Sahu . *चूहा अगर पत्थर का हो तो* *सब उसे पूजते हैं* ¶ *मगर जिन्दा हो तो मारे बिना* *चैन नहीं लेते हैं* ¶ *साँप अगर पत्थर का हो* *तो सब उसे पूजते हैं* ¶ *मगर जिन्दा हो तो उसी वक़्त* *मार देते हैं* ¶ *माँ बाप अगर "तस्वीरों" में हो* *तो सब पूजते हैं* ¶ *मगर जिन्दा है तो कीमत नहीं* *समझते"* ¶ *बस यही समझ नहीं आता के* *ज़िन्दगी से इतनी नफरत क्यों* ¶ *और* ¶ *पत्थरों से इतनी मोहब्बत क्यों* ¶ *जिस तरह लोग मुर्दे इंसान को* *कंधा देना पुण्य समझते हैं* ¶ *काश" इस तरह' ज़िन्दा" इंसान* *को सहारा देंना पुण्य समझने* *लगे तो ज़िन्दगी आसान हो* *जायेगी* ¶ *