भोपाल - जब से राज्य सभा सदस्य के चुनाव की तारीख तय हुई है तब से भाजपा के नेता दिग्विजय सिंह जी के उपर रोज कोई ना काई बयान बाजी कर रहे है इसी तारतम्य में पहले पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव जी ने और उसके बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा जी ने बयान दिया था कि कांग्रेस को राज्य सभा सदस्य के चुनाव कि उम्मीद्वारी में पहले स्थान पर दिग्विजय सिंह जी के जगह पर फूल सिंह बरैया जी को रखना चाहिये उनका ये बयान यह दर्शाता है कि भाजपा को अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों कि बहुत चिंता है और भाजपा के अलावा कोई भी राजनैतिक दल इनकी चिंता नहीं करती है भाजपा ही इनकी माईबाप है। परंतु मेरा इन दोनों नेताओं से एक सवाल है कि क्या वाकई आप दोनों को या भारतीय जनता पार्टी को अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों कि बहुत चिंता है ? अगर हां तो आप दोनों ये बतायें कि क्या भाजपा ने राज्यसभा सदस्य के चुनाव की उम्मद्वारी में पहले स्थान पर अनूसूचित जाति वर्ग के उम्मीद्वार का नाम रखा है ? नहीं ना __तो फिर आप लोग इतने दहाड़ मार-मार कर, चीख चीख कर क्यों ये जताना चाहते हो कि हमें इन वर्ग विशेष के लोगों कि बहुत चिंता है।
दरअसल बात वो नहीं है आप लोगों को इन विशेष वर्ग के लोगों की कतई चिंता नहीं है दरअसल आप लोग दिग्विजय सिंह जी से खौफ खाते हो, आपकी पार्टी डरती है दिग्विजय सिंह जी से उनका नाम ही आप लोगों के लिये खौफ का कारण है। अगर ऐसा नहीं है और भाजपा में इतना साहस था तो भाजपा सिंधिया के जगह पर पहले स्थान पर किसी अनुसुचित जाति के नेता का नाम उम्मीद्वारी के तौर पर क्यों नहीं रखा ? नहीं रख सकते ना क्योंकि आप लोगों को तो केवल जात-पात और धर्म कि राजनिति करना है और अगर आप वाकई इन वर्ग विशेष के बहुत बड़े शुभचिंतक थे तो फिर उस समय कयों शांत थे जब राज्य सभा सदस्य के फार्म भरे जा रहे थे तब आप ने क्यों किसी अनुसुचित जाति के नेता को अपना राज्य सभा सदस्य को उम्मीद्वार बना कर पहले स्थान पर नहीं रखा ? नहीं रख सकते ना परंतु अब अनुसूचित जाति वर्ग का मुद्दा तो आप लोगों के द्वारा उठाना जरूरी हो गया है क्योंकि अब भाजपा ने म.प्र. में उपचुनाव की तैयारी चालु कर दी अब भाजपा को इनका वोट चाहिये और ये मुद्दा इसलिये भी उठाना जरूरी है क्योंकि फुल सिंह बरैया जी ग्वालियर चंबल संभाग से ही आते हैं और उपचुनाव के 24 सीटों में से लगभग 16 सीटें ग्वालियर चंबल संभाग से ही है