भारत के 130 करोड़ लोग कोरोना महामारी से लड़ रहें हैं गरीब प्रवासी श्रमिक दुकानदार किसान छोटे एवं मध्यम व्यवसायी और बड़ी संख्या में बेरोजगार हुए लोग इस कठिन आर्थिक मंदी और महामारी के बीच जीवन के लिए संघर्ष कर रहें हैं। पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के अंतर्गत लाना चाहिए साथ ही बड़ाए गए उत्पाद शुल्क तत्काल वापस लेना चाहिए
बैतूल। केन्द्र सरकार द्वारा विगत 6 वर्षो में डीजल और पेट्रोल पर बड़ाई गई एक्साईज ड्युटी वापस लेने की मांग करते हुए जिला कांग्रेस कमेटी प्रवक्ता हेमंत पगारिया ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा पेट्रोल पर लगभग 24 रूपए और डीजल पर लगभग 28 रूपए की एक्साईज ड्युटी बड़ाई है। जिसे तत्काल वापस लेना चाहिएभारत के 130 करोड़ लोग कोरोना महामारी से लड़ रहें हैंए गरीब प्रवासी श्रमिकए दुकानदारए किसानए छोटे एवं मध्यम व्यवसायी और बड़ी संख्या में बेरोजगार हुए लोग इस कठिन आर्थिक मंदी और महामारी के बीच जीवन के लिए संघर्ष कर रहें हैं। श्री पगारिया ने कहा कि इन सबके बावजूद जनविरोधी भाजपा सरकार प्रतिदिन पेट्रोल और डीजल के दामों में वृद्धि कर जनता पर अतिरिक्त बोझ डाल रही है। और बढ़ी हुई कीमतों के कारण मंहगाई में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। जिससे आमजन अनावश्यक आर्थिक बोझ के तले दब रहा है। उन्होने कहा कि मई 2014 में कांग्रेस सरकार के सत्ता में रहते हुए उत्पादन शुल्क पेट्रोल पर मात्र 9 रूपए और डीजल पर 3 रूपए 46 पैसे था। इन 6 वर्षों की तुलना में पेट्रोल में 258 प्रतिशत और डीजल में 820 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जिससे सरकार ने जनता से 17 लाख 80 हजार 56 करोड रूपए वसूले हैं। आज की इस कठिन परिस्थति में लोगों का गुजर-बसर मुश्किल से हो रहा है उस समय किसी भी सरकार को जनता पर यह भारी भरकम कर लगाने का कोई अधिकार नहीं है। जबकि यह सरकार सस्ता पेट्रोल और डीजल के वादे पर ही सत्ता पर काबिज हुई थीगौरतलब है कि 2014 में जब कांग्रेस सरकार सत्ता से हटी थी और नरेन्द्र मोदी ने सत्ता संभाली तब भारत की तेल कंपनियों को कच्चा तेल 108 अमरिकी डॉलर प्रति बैरल मिल रहा था और वर्तमान में यह भाव लगभग 40 डॉलर प्रति बैरल है। श्री पगारिया ने मांग है कि घटे हुए कच्चे तेल की कीमतों का लाभ आम जनता को मिलना चाहिए और पेट्रोलए गैस व डीजल की कीमत को अगस्त 2004 के स्तर पर लाना चाहिएपेट्रोल और डीजल को जीएसटी के अंतर्गत लाना चाहिए साथ ही बड़ाए गए उत्पाद शुल्क तत्काल वापस लेना चाहिए जिससे ही बड़ाए गए उत्पाद शुल्क तत्काल वापस लेना चाहिए जिससे आमजन को राहत व मंहगाई पर लगाम लग सके