पाली के परियोजना अधिकारी सुनेंद्र सदाफल ने बताया है कि विकासखंड पाली के अंतर्गत आने वाले सभी ग्रामो में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा सर्वे कर पंजीकृत हितग्राहियों को पात्रतानुसार विभाग के सभी सेवाओ का लाभ दिया जाकर लाभान्वित किया जा रहा है
उमरिया - महिला एवं बाल विकास परियोजना पाली द्वारा कलेक्टर के निर्देशानुसार लॉक डाउन के दौरान क्षेत्र में पलायन से वापस आने वाले परिवारों का सर्वे कर गर्भवती एवं धात्री महिला, 0 से 6 वर्ष तक के बच्चे तथा किशोरी बालिकाओ को चिन्हित कर आंगनबाड़ी केंद्र की सेवाओं का लाभ दिया जा रहा महिला एवं बाल विकास पाली के परियोजना अधिकारी सुनेंद्र सदाफल ने बताया है कि विकासखंड पाली के अंतर्गत आने वाले सभी ग्रामो में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा सर्वे कर पंजीकृत हितग्राहियों को पात्रतानुसार विभाग के सभी सेवाओ का लाभ दिया जाकर लाभान्वित किया जा रहा है। उन्होने बताया कि परियोजना पाली अंतर्गत 07 सेक्टर के 182 आंगनवाड़ी केंद्रों के कुल 233 परिवार पलायन से वापस आये है। इन सभी परिवारों का सर्वे कर 9 गर्भवती महिला, 01 धात्री महिला, 0 से 06 वर्ष के 30 बच्चे तथा 04 किशोरी बालिका को केंद्र की सेवायें देने हेतु चिन्हित किया जाकर लाभान्वित किया जा रहा है।
इनको दिये जाने वाले सेवाओ में प्रमुख रूप से गर्भवती एवं धात्री महिलाओ, बच्चो और किशोरी बालिकाओ को सत्तू, लड्डू, चूरा और पूरक पोषण आहार के पैकेट आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा घर घर जाकर वितरित किया जा रहा है। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग विभाग से समन्वय स्थापित कर पलायन से वापस आये सभी हितग्राहियों का स्वास्थ्य जांच, प्रसव पूर्व जांच, टीकाकरण का कार्य भी किया जा रहा है। सभी परिवारों एवं हितग्राहियों के यहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा गृह भ्रमण भी किया जा रहा है। गृह भ्रमण के दौरान गर्भवती महिला को प्रसव पूर्व जांच, उचित आहार , स्वक्षछता, धात्री महिला को सतत स्तनपान, ऊपरी आहार, स्वच्छता तथा किशोरी बालिकाओ को स्वास्थ्य जांच और सेनेटरी नैपकीन के उपयोग एवं निपटान के तरीकों से अवगत कराया जा रहा है। 0 से 6 वर्ष के बच्चो के स्वास्थ्य जांच, उचित उचित आहार, स्तनपान, स्वच्छता के संबंध में अभिभावकों को बताया गया। बताया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ द्वारा कोरोनो काल को दृष्टिगत रखते पलायन से वापस आये सभी परिवारों के सभी सदस्यों को मास्क लगाने, सेनेटाइजर का उपयोग करने तथा दो गज की दूरी बनाये रखने की समझाइश भी दी जा रही है।