फिर भी न जाने क्यूं पिता पीछे रह जाता है
माँ नौ महीने पाल्ती है
पिता 25 साल पालता है
माँ बिना तानख्वाह घर का सारा काम करती है
पिता पूरी कमाई घर पे लुटा देता है
फिर भी न जाने क्यूं पिता पीछे रह जाता है
माँ ! जो चाहते हो वो बनाती है
पिता ! जो चाहते हो वो ला के देता है
फिर भी न जाने क्यूं पिता पीछे रह जाता है
माँ ! को याद करते हो जब चोट लगती है
पिता ! को याद करते हो जब ज़रुरत पड़ती है
फिर भी न जाने क्यूं पिता पीछे रह जाता है
माँ की ओर बच्चो की अलमारी नये कपड़े से भरी है
पिता कई सालो तक पुराने कपड़े चलाता है
फिर भी न जाने क्यूं पिता पीछे रह जाता है
पिता अपनी ज़रुरते टाल कर सबकी ज़रुरते समय से पुरी करता है
किसी को उनकी ज़रुरते टालने को नहीं कहता
फिर भी न जाने क्यूं पिता पीछे रह जाता
है दिल से